अशों के हरण से आप क्या समझते हैं ? अंशों का हरण किस प्रकार किया जाता है?
क्या हरण किये गये अंश कटौती पर पुनः निर्गमित किये जा सकते हैं ? यदि हाँ तो किस
सीमा तक?)
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Answer:
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Explanation:
कभी कभी अंशधारक आवंटित अंशों पर एक या अधिक किस्तों का भूगतान नहीं कर पाए तो ऐसी स्थिति में कंपनी के पास चूककर्ताओं के अंशों को हरण करने का अधिकार होता है इसे अंशो का हरण कहते हैं। हरण का अर्थ अनुबंध टूटने के कारण आवंटन का निरस्तीकरण और अंशों पर प्राप्त राशि को अंश हरण राशि के रूप में मानते हैं।
Answer:
वित्त में, अंश अथवा शेयर का अर्थ किसी कम्पनी में भाग या हिस्सा होता है। एक कंपनी के कुल स्वामित्व को लाखों करोड़ों टुकड़ों में बाँट दिया जाता है। स्वामित्व का हर एक टुकड़ा एक शेयर होता है। जिसके पास ऐसे जितने ज्यादा टुकड़े, यानी जितने ज्यादा शेयर होंगे, कंपनी में उसकी हिस्सेदारी उतनी ही ज्यादा होगी। लोग इस हिस्सेदारी को खरीद-बेच भी सकते हैं। इसके लिए बाकायदा शेयर बाजार (स्टॉक एक्सचेंज) बने हुए हैं। भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी॰एस॰ई॰) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन॰एस॰ई॰) सबसे प्रमुख शेयर बाजार हैं।