अशोक के धम्म की विशेताओं की विवेचना कीजिए
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कलिंग युद्ध के उपरान्त अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। उसकज धम्म सब धर्मों का सार था। अशोक का धम्म सर्वमंगलकारी है, जिसका मूल उद्देश्य प्राणी का मानसिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक उत्थान करना था। उसका धम्म अत्यन्त सरल तथा व्यावहारिक था। प्राणि मात्र पर दया करना, सत्य बोलना, सबके कल्याण की कामना रखना, माता-पिता, गुरुजनों का आदर-सम्मान करना अशोक के धम्म के प्रधान लक्षण थे।
अशोक के धर्म की विशेषताएँ-
(1) सार्वभौमिकता
(2) अनुशासन व शिष्टाचार के महत्त्व
(3) अहिंसा व धार्मिक सहिष्णुता
(4) नैतिक आदर्शों की प्रधानता
(5) सत्य जीवन अपनाने पर बल
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