Hindi, asked by success124, 10 months ago

अशिक्षा से बेरोजगारी पर निबंध ​

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Answered by rajwalia
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Answer:

here is ur answer

जो लोग काम करना चाहते हैं और ईमानदारी से नौकरी की तलाश कर रहे हैं लेकिन किसी कारणवश उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है उन्हें बेरोजगार कहा जाता है। इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया जाता है जो स्वेच्छा से बेरोजगार हैं और जो कुछ शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण नौकरी करने में असमर्थ हैं।

Answered by abhinavnayan18
7

Hey.......☺

भारत में सवा अरब लोग रहते हैं, यहाँ पर बेरोजगारी की समस्या बहुत ही विकराल रूप धारण करे हुए हैं. बेरोजगारी की समस्या राष्ट्र के मस्तक पर कलंक की टिके के समान है. बेरोजगार होने से तात्पर्य होता है की काबिलियत तथा शिक्षा से पूर्ण होने के बावजूद भो रोजगार प्राप्त करने में असमर्थ होना. यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब काम की कमी होती है और काम करने वालों की अधिकता होती है.

बेरोजगार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो की बाज़ार में प्रचलित मजदूरी दर पर काम तो करना चाहता है लेकिन उसे काम नहीं मिल पा रहा है. बेरोजगारी की परिभाषा हर देश में अलग अलग होती है. जैसे अमेरिका में यदि किसी व्यक्ति को उसकी क्वालिफिकेशन के हिसाब से नौकरी नहीं मिलती है तो उसे बेरोजगार माना जाता है.

इसका दूसरा प्रमुख कारण हमारी शिक्षा व्यवस्था है. कई सालों से हमारी शिक्षा पद्धति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. बेरोजगारी के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली भी दोषपूर्ण है. यहाँ व्यवसाय प्रधान शिक्षा का अभाव है. व्यवहारिक या तकनिकी शिक्षा के अभाव में शिक्षा पूरी करने के बाद विद्यार्थी बेरोजगार रहता है.

भारत में व्याप्त अशिक्षा भी बेरोजगारी का मुख्य कारण है. आज के मशीन युग में शिक्षित और कुशल तथा प्रशिक्षित व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है. हम अपनी शिक्षा व्यवस्था में साक्षरता को ही विशेष महत्व देते हैं. व्यावासिक तथा तकनिकी शिक्षा की अवहेलना होती है. तकनिकी शिक्षा का जो भी प्रबन्ध है, उसमे सैद्धांतिक पहलु पर अधिक जोर दिया जाता है और व्यवहारिक पहलु पर ध्यान नहीं दिया जाता. यही कारण है की हमारे इंजिनियर तक मशीनों पर काम करने से कतराते हैं. साधारण रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त कर हम केवल नौकरी करने लायक बन पाते हैं.

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