Hindi, asked by indusati1039, 17 days ago

Ashuddhiyo ke vibhinna prakar udahran sahit

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Answered by shreyalokkesharwani
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Answer:

पूर्ण लोप अशुद्धि और आंशिक लोप अशुद्ध। किसी प्रकार का लेन-देन तक बही में प्रविष्ट होने से पूरी तरह रह जाता है तो ऐसी अशुद्धि को पूर्ण लोप अशुद्धि कहते हैं। उदाहरण के लिए रमेश को अगर ₹25000 की रकम उधार दी जाती है, तो वह विक्रय की प्रविष्टि विक्रय बहीखाते में ना लिखी जाए तो यह पूर्णलोप अशुद्धि हुई।

Explanation:

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Answered by jiakher84
1

Answer:

पूर्ण लोप अशुद्धि और आंशिक लोप अशुद्ध। किसी प्रकार का लेन-देन तक बही में प्रविष्ट होने से पूरी तरह रह जाता है तो ऐसी अशुद्धि को पूर्ण लोप अशुद्धि कहते हैं। उदाहरण के लिए रमेश को अगर ₹25000 की रकम उधार दी जाती है, तो वह विक्रय की प्रविष्टि विक्रय बहीखाते में ना लिखी जाए तो यह पूर्णलोप अशुद्धि हुई।

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