Asl topic on "History & Culture" in Hindi. Good one will awarded as brainlist
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Explanation:
श्रमण: श्रमण जैन और बौद्ध परम्परा के संन्यासियों को श्रमण कहा जाता था.
परिव्राजक: परिव्राजक संन्यासियों को कहते थे.
अग्र्हारिक: ये वे ब्राह्मण थे जिनको राजा के द्वारा अग्रहार अर्थात् लगान मुक्त ग्राम दान किया जाता था.
मागध: प्राचीन और मध्यकाल में भारत के राजाओं के दरबार में कुछ व्यक्ति होते थे जो राजा की वीरगाथा का गान किया करते थे. जिन्हें मागध कहा जाता था.
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श्रमण: श्रमण जैन और बौद्ध परम्परा के संन्यासियों को श्रमण कहा जाता था.
परिव्राजक: परिव्राजक संन्यासियों को कहते थे.
अग्र्हारिक: ये वे ब्राह्मण थे जिनको राजा के द्वारा अग्रहार अर्थात् लगान मुक्त ग्राम दान किया जाता था.
मागध: प्राचीन और मध्यकाल में भारत के राजाओं के दरबार में कुछ व्यक्ति होते थे जो राजा की वीरगाथा का गान किया करते थे. जिन्हें मागध कहा जाता था I
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