India Languages, asked by arskgrsd1664, 1 year ago

asmakam sahayaka in sanskrit

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Answered by kapilchaudhary2
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क्रिया को प्रधानरूप से कहने के लिए भाववाच्य का प्रयोग होता है। भाववाच्य का प्रयोग अकर्मक धातुओं से होता है। कर्म की अविवक्षा होने पर सकर्मक धातु भी अकर्मक मानी जाती है। ऐसी अकर्मक धातुओं से भी भाववाच्य का प्रयोग होता है। भाववाच्य में क्रिया नित्य ही आत्मनेपद प्रथमपुरुष एकवचन में होती है। कर्ता में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है। भाववाच्य में कर्म कारक नहीं होता
Answered by AdityaMengar
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Explanation:

अहं मातरं वन्दे। मात्रा वयं पालिताः पोषिता: चे। अस्माकं जीवने मात्रे आहुति-भूतम्। मातुः सर्वं लभामहे वयम्। वयं मातुः कार्यं कुर्मः। मातरि अस्माकं प्रीतिः, भक्तिः अनुरागः च सन्ति। हे. मातः! वयं वन्दामहे त्वाम्। शिक्षय। अस्मान् सुसंस्कारान्।

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