aswasth lekhikha ka dhyan rkhne se gillu Ke kis bhawna ka Pata chlta hai?
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अस्वस्थ लेखिका का ध्यान रखने से गिल्लू की परिचारिका भावना का पता चलता है।
Answer: “गिल्लू” कहानी में एक दिन जब लेखिका ‘महादेवी वर्मा’ एक मोटर वाहन दुर्घटना में घायल हो गई तो कुछ दिन लेखिका को अस्पताल में रहना पड़ा था। लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू गिलहरी का मन भी घर पर नहीं लगता और उसने भोजन पानी तक कम कर दिया था। उसे काजू बेहद पसंद थे लेकिन अब काजू बेहद कम खाता था। उसे लेखिका के लौटने का बेसब्री से इंतजार था। जब लेखिका अस्पताल से लौट आईं तो गिल्लू लेखिका के पास एक तकिए पर सिरहाने बैठ कर अपने छोटे-छोटे पंजों से लेखिका के सिर को सहलाता रहता था। वो लेखिका के साथ अपने संवेदनशील स्नेहात्मक भाव को प्रदर्शित करता था। लेखिका महादेवी वर्मा को उसकी उपस्थिति एक परिचारिका की उपस्थिति सी महसूस होती थी। इसी कारण लेकर लेखिका ने गिल्लू के लिए परिचारिका शब्द का भी प्रयोग किया है। अस्वस्थ लेखिका का ध्यान रखने से गिल्लू की परिचारिका भावना का पता चलता है।