अतुलनीय भारत पर निबंध
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अतुल्य भारत अभियान विशिष्ट प्रचार योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करता है, जबकि इसका ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज़’ (Adopt a Heritage) प्रोजेक्ट सार्वजानिक क्षेत्रों, निजी क्षेत्र की कंपनियों और व्यक्तियों को पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिये विरासत स्थलों को बढ़ावा देने की योजना बनाएगा।उल्लेखनीय है कि 37वें विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति महोदय ने नई ‘अतुल्य भारत’ वेबसाइट को भी लॉन्च किया।
वस्तुतः ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज़’ प्रोजेक्ट को पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व विभाग के संयुक्त प्रयासों द्वारा लॉन्च किया गया है। इसमें हमारे धनी और विविध विरासत स्मारकों को पर्यटन मैत्री बनाने की क्षमता है।
इसी अवसर पर राष्ट्रपति ने यात्रा, पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आतिथ्य सुविधाओं के लिये ‘राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार’ 2015-16 भी प्रदान किये।
अतुल्य भारत अभियान
अतुल्य भारत, भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच उभारना है।
उल्लेखनीय है कि भारत विश्व के पाँच शीर्ष पर्यटक स्थलों में से एक है। अतः भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से इस नए अभियान को शुरू किया था।
इस अभियान के तहत हिमालय, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद की ओर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान आकर्षित किया गया। वास्तव में इस अभियान से देश के पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं।
देश की पर्यटन क्षमता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाला यह इस प्रकार का पहला प्रयास था।
पर्यटन का महत्त्व
विदित हो कि पर्यटन विश्व के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। इसके विकास का पता केवल इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि विश्व भर में पर्यटकों की संख्या वर्ष 1950 के 2.5 करोड़ की तुलना में वर्ष 2016 में 123 करोड़ हो गई थी।
भारत में भी अधिकांश जनसंख्या की जीविका का स्रोत पर्यटन उद्योग ही है। वर्ष 2016 में जीडीपी व देश के कुल रोज़गार में पर्यटन का योगदान क्रमशः 9.6% व 9.3% था।
पर्यटन उद्योग का स्थाई रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने और गरीबी निवारण में महत्त्वपूर्ण योगदान है।