अट नहीं रहा है कवि का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए.?????????????
Answers
Answered by
3
Answer:
'अट नहीं रही है' कविता में श्रृंगार रस है। ... 'अट नहीं रही है' कविता जो कि 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' द्वारा लिखी गई है, इस कविता में कवि ने वसंत ऋतु के सौंदर्य का बड़ा ही सुंदर एवं मार्मिक वर्णन किया है। ऋतुओं की रानी वसंत का सौंदर्य प्रकृति में चारों तरफ इस तरह बिखरा है कि सृष्टि उसे संभाल नहीं पा रही।
Explanation:
I hope it's help you... mark me as brainlist
Similar questions