Hindi, asked by yasharya720, 6 months ago

अट नहीं रहे हैं कविता का भावार्थ और काव्य सौंदर्य लिखें​

Answers

Answered by GujjarBoyy
2

Answer:

CLASS 10TH

Explanation:

इस कविता में कवि ने ऋतु वसंत के सौंदर्य का मार्मिक चित्रण किया है। ऋतुराज वसंत सौंदर्य इस कदर भिखरा हुआ है कि सृष्टि उसे समेट नहीं पा रही (अट नहीं रही है) यह सुंदर माहौल, मनमोहक सौंदर्य प्रकृति में समा नहीं रहा। फागुन का जो प्रकृति का माहौल है वह शरीर में समा नहीं रहा।

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Answered by rudradev2529
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इस कविता में कवि ने ऋतु वसंत के सौंदर्य का मार्मिक चित्रण किया है। ऋतुराज वसंत सौंदर्य इस कदर भिखरा हुआ है कि सृष्टि उसे समेट नहीं पा रही (अट नहीं रही है) यह सुंदर माहौल, मनमोहक सौंदर्य प्रकृति में समा नहीं रहा। फागुन का जो प्रकृति का माहौल है वह शरीर में समा नहीं रहा।

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