अट नहीं रहे हैं कविता का भावार्थ और काव्य सौंदर्य लिखें
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CLASS 10TH
Explanation:
इस कविता में कवि ने ऋतु वसंत के सौंदर्य का मार्मिक चित्रण किया है। ऋतुराज वसंत सौंदर्य इस कदर भिखरा हुआ है कि सृष्टि उसे समेट नहीं पा रही (अट नहीं रही है) यह सुंदर माहौल, मनमोहक सौंदर्य प्रकृति में समा नहीं रहा। फागुन का जो प्रकृति का माहौल है वह शरीर में समा नहीं रहा।
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इस कविता में कवि ने ऋतु वसंत के सौंदर्य का मार्मिक चित्रण किया है। ऋतुराज वसंत सौंदर्य इस कदर भिखरा हुआ है कि सृष्टि उसे समेट नहीं पा रही (अट नहीं रही है) यह सुंदर माहौल, मनमोहक सौंदर्य प्रकृति में समा नहीं रहा। फागुन का जो प्रकृति का माहौल है वह शरीर में समा नहीं रहा।
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