Hindi, asked by yashs0603, 6 months ago

अट नहीं रही है कविता में किस ऋतु का वर्णन किया गया है​

Answers

Answered by shishir303
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अट नहीं रही है कविता में ‘वसंत’ ऋतु का वर्णन किया गया है​।

व्याख्या ⦂

✎... ‘अट नही रही है’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ द्वारा रचित कविता है। ‘अट नहीं रही है’ कविता की इन पंक्तियों से प्रकट होता है...

अट नहीं रही है

आभा फागुन की तन

सट नहीं रही है।

अर्थात कवि कहते हैं कि वसंत ऋतु की सुंदरता इतनी मनमोहक हो गई है कि उसकी शोभा प्रकृति में समा नहीं पा रही। वसंत ऋतु की शोभा और सुंदरता इतनी अधिक व्यापक है कि प्रकृति से फूट-फूट कर बाहर आ रही है, अर्थात प्रकृति में पूरी तरह से नहीं पा रही है।

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