Hindi, asked by tickoogirish, 18 days ago

अट नहीं रही है कविता में कवि का मन उड़ने को क्यों कर रहा है?​

Answers

Answered by priyarksynergy
1

The answer is as follows;

Explanation:

अट नहीं रही है कविता में कवि का मन उड़ने को क्यों कर रहा है!

  • 'नहीं फँसा' के आधार पर, वसंत की सुंदरता का उल्लेख करें।
  • कवि ने वसंत ऋतु में प्रकृति के वैभव का सुंदर उल्लेख किया है।
  • इस मौसम में ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रकृति के कण-कण में सौन्दर्य समाया हुआ है।
  • कवियों की कल्पनाएँ उड़ान भरने लगती हैं क्योंकि प्रकृति के हर हिस्से में एक अनोखी सुगंध भर जाती है।
  • इस कविता का विषय यह है कि जिस तरह वसंत के आगमन के साथ पूरी सृष्टि खिलती है और सुंदर हो जाती है, उसी तरह हमें भी समाज, राष्ट्र और विश्व की आभा बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।
  • हमें इतनी मेहनत करनी चाहिए कि हर कोई हमारी तारीफ करे।
Answered by shishir303
2

‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि का मन उड़ने के लिए इसलिए कर रहा है, क्योंकि बसंत ऋतु की शोभा इतनी मनमोहक है। चारों तरफ मदमस्त वातावरण छाया हुआ है। वसंत ऋतु में प्रकृति के कण-कण में सुंदरता भरी हुई है। प्रकृति के कोने-कोने से मदमस्त करने वाली सुगंध उठ रही है। चारों तरफ से प्रकृति के सुंदरता से कवि की आँखें नही हट रहीं हैं। इसी सुंदर अप्रतिम दृश्य को देखकर और उसका मन उड़ने के लिए कर रहा है।

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