'अट नहीं रही है' कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
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कवि ने प्रकृति की व्यापकता को फागुन की सुंदरता के रूप से प्रकट किया है। प्रकृति की सुंदरता और व्यापकता फागुन में समा ही नहीं पा
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