अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक किस तरह मध्यस्थता करते हैं?
Answers
atirikt mudra valae loog bank mae apnae khatae mae dhan jma kra daete hae. bank unko unki jmaa rashi paer byaj deeta hae. jab bi avsyekta hoo toh vae loog farm yaa check barkar apnae khatae sae avsyktaanusar dhan niklva sakatae hae.
jaruratmand loog bank sae karj laete hae. bank krejdaroo ke samarthak rennadar ki mang krta hae or unhae karj dae deta hae. bank kerjdaroo se byaj vsulta hae. bank dvara karjdaroo sae vsuli gyi byaj ki daar bank dvara jmakrtaoo ko dii janae vali byaj ki daar se adik hoti hae.
उत्तर :
अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक निम्न प्रकार से मध्यस्थता करते हैं :
वह लोग जिनके पास अतिरिक्त मुद्रा होती है वह अपने अतिरिक्त धन अर्थात बचत को बैंक में जमा कर देते हैं। बैंक उनसे यह धन जमा खातों के रूप में स्वीकार करते हैं । इसके बाद बैंक अपने पास जमा राशि के प्रमुख भाग को धन के जरूरतमंद लोगों को कर्ज़ देने के रूप में प्रयोग करती है। अनेक आर्थिक गतिविधियों के लिए कर्ज की मांग बढ़ने से बैंक अपने पास जमा राशि को लोगों की कर्ज की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस तरह बैंक दो गुटों के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं। बैंक जमा राशि पर जो भी ब्याज देता है उससे अधिक ब्याज ऋण पर लेते है। बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत कर्जदारों के ऋण पर लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को उनकी जमा पूंजी पर दिए गए ब्याज के बीच का अंतर होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।