अति से तो अमृत भी जहर बन जाता है इस कथन पर विचार पृकट कीजिए
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अति से तो अमृत भी जहर बन जाता है इस कथन पर विचार प्रकट कीजिए |
अति से तो अमृत भी जहर बन जाता है, यह वाक्य सत्य है इस वाक्य में मेरे विचार इस प्रकार है|
जब भी हमारे जीवन में कोई चीज़ हद से ज्यादा होने लगती है , वह एक दिन मुसीबत बन जाती है | किसी भी बात की , चीज़ की कोई हद अच्छी नहीं होती , अंत यह हमें हमेशा दुःख देती है |
यदि हम जरूरत से ज्यादा भोजन का सेवन करें तो हम बीमार हो जाते है | यदि हम एक ही बारी में बहुत सारी दवाइयां कहा लेते है , वह भी हमारे हानिकारक होती है | यदि हमें जरूरत से ज्यादा प्यार और आज़ादी मिलती है तो भी यह हमारे लिए हानिकारक होती है , हम उसका गलत फायदा लेने लग जाते है , और गलतियाँ करने लग जाते है , इससे हमारा ही नुकसान होता है | इसलिए हर चीज़ एक दायरे के अंदर तक अच्छी लगती है |
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