Social Sciences, asked by anu222699, 13 days ago

अतीत की जानकारी के स्रोत कौन-कौन से हैं​

Answers

Answered by SanhveeSingh
9

Answer:

books , caves , architecture, ancient things

Answered by krishna210398
0

Answer:

पत्थरों के औजार, जीवाश्म, मिट्टी के बर्तन, शिलालेख, सिक्के, मुहरें, मंदिर, मस्जिद, दुर्ग, भवन, भोजपत्र, ताड़पत्र, ताम्रपत्र, पुरातत्व तथा यात्रियों के वृत्तांत आदि हैं।

Explanation:

इतिहास जानने के मुख्य स्रोत- पत्थरों के औजार, जीवाश्म, मिट्टी के बर्तन, शिलालेख, सिक्के, मुहरें, मंदिर, मस्जिद, दुर्ग, भवन, भोजपत्र, ताड़पत्र, ताम्रपत्र, पुरातत्व तथा यात्रियों के वृत्तांत आदि हैं।

इसका अर्थ होता है- महत् ज्ञान, अर्थात् पवित्र एवं आध्यात्मिक ज्ञान, संपूर्ण वैदिक इतिहास की जानकारी के स्रोत वेद ही हैं. इनकी संख्या चार है- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद. वेदांग– इनसे वेदों के अर्थ को सरल ढंग से समझा जा सकता है. इनकी संख्या 6 है- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द तथा ज्योतिष.

प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के साधन वे स्रोत हैं जिनसे भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है, जिनके आधार पर इतिहास निर्माण किया जाता है, और जिनके आधार पर ऐतिहासिक घटनाओं के कालानुक्रम का निर्धारण किया जाता है। इन्हें ऐतिहासिक स्रोत, ऐतिहासिक सामग्रियाँ अथवा ऐतिहासिक आँकड़ें भी कहा जाता है और सामन्यतः ऐतिहासिक स्रोतों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्रोत

इतिहासकार वी. डी. महाजन द्वारा, प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोतों को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक स्रोत, विदेशी विवरण, एवं जनजातीय गाथायें। रामशरण शर्मा द्वारा इन स्रोतों को - भौतिक अवशेष, अभिलेख, मुद्राएँ, साहित्यिक स्रोत, विदेशी विवरण, ग्राम्य अध्ययन, और प्राकृतिक विज्ञानों के अध्ययन से प्राप्त जानकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

#SPJ3

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