अतीत में विदेशी' किसे माना जाता था?
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Explanation:
अतीत में विदेशी' उस व्यक्ति को माना जाता था -
जो किसी गांव में बाहर से आता था, और जो उस समाज या संस्कृति का हिस्सा नहीं होता था। अतः किसी गांव या नगर वासी के लिए बनवासी "विदेशी" होता था । परंतु एक ही गांव में रहने वाले दो अलग-अलग धर्मों तथा परंपराओं से जुड़े लोग विदेशी नहीं होते थे।
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
नीचे उल्लिखित बातें सही हैं या गलत :
(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख नहीं मिलते हैं।
(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की।
(ग) कृषि-केंद्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी ज़मीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे।
(घ) सुलतान ग़यासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था।
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रिक्त स्थानों को भरें :
(क) अभिलेखागारों में _____ रखे जाते हैं।
(ख) ____ चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।
(ग) _____, ____, _____, ____ और ____ इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।
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कोई भी अजनबी जो किसी दिए गए गाँव में दिखाई देता है, कोई ऐसा व्यक्ति जो उस समाज या संस्कृति का हिस्सा नहीं था, उसे अतीत में एक 'विदेशी' माना जाता था।