Hindi, asked by rukmanibaghel, 3 months ago

'अतिथि देवो भव', इसपर अपने विचार लिखिए।
जीवनदीप PPS हिंदी लोकभारती AB-X630​

Answers

Answered by SatishKumarVerma
2

Answer:

हमारे मन में अतिथि के लिए कभी भी हीन भावना नहीं आनी चाहिए और हमें कभी उसका निरादर नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति कभी भी अपने अतिथि का सत्कार नहीं करता भगवान भी उसके घर नहीं आते है। यदि आप अतिथि का सम्मान नहीं करते तो आपकी पढ़ाई व्यर्थ है। अतिथि पूजनीय है और उनका आगमन जीवन में खुशियाँ भर जाता है।

Explanation:

please make me brainlist please

Similar questions