Hindi, asked by bhatia11ananya, 14 hours ago

अतिथि देवो भव पर अनुछेद​

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Answered by somnathshirsath509
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Answer:

भूमिका- अतिथि देवो भवः एक बहुत ही प्राचीन प्रचलित कहावत है जिसका अर्थ है कि अतिथि यानि कि मेहमान देवता के समान होते है। प्राचीन काल से ही भारत देश में अतिथियों को भगवान की तरह सम्मान दिया जाता है और उनका आदर सत्कार किया जाता है। अतिथि के हम खान पान का ध्यान रखते हैं और उनके रहने की उचित व्यवस्था करते हैं।

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