अद्भुत कौतुक दिखलाया था?किया फील्ड मार्शल को हमने,सिर-आँखों पर बैठाया था?
Answers
यह प्रश्न पूरा नहीं है, पूरा प्रश्न इस प्रकार होगा..
किसने हाकी को जोड़-तोड़ कर अद्भुत कौतुक दिखलाया था..
कि फील्ड मार्शल को हमने सिर आँखों पर बिठाया था...
उत्तर —
ध्यानचंद ने हाकी को जोड़-तोड़कर अद्भुत कौतुक दिखलाया था।
सैम मानेकशॉ फील्ड मार्शल थे, जिन्हें हमने सिर आंखों पर बिठाया था।।
Explanation:
ध्यानचंद जिन का पूरा नाम ध्यानचंद सिंह था, हॉकी के एक महान खिलाड़ी रहे हैं। वह हॉकी में सिर्फ भारत के ही नहीं पूरे विश्व के सबसे महानतम खिलाड़ी रहे हैं। उन्हें हम मेजर ध्यानचंद के नाम से ज्यादा जानते हैं। ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था। वह हॉकी के इतनी महान खिलाड़ी थे कि हॉकी की बॉल उनकी हॉकी स्टिक के आगे पीछे घूमती थी और लोग उनके बारे में कहते कि उनकी हॉकी स्टिक में चुंबक लगा हुआ है। वह तीन बार ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे थे। उन्होंने अपने पूरे खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल किए थे और एक बार हिटलर ने उनके खेल को देखकर उन्हें जर्मनी की टीम में शामिल होने का प्रस्ताव दे डाला था।
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ जिनका पूरा नाम सैम होर्मूसजी फ्रेम जी जमशेदजी मानेकशॉ था। वे भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही सन् 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारत विजयी हुआ था। उनके अद्भुत कौशल और बहादुरी के कारण उन्हें भारत के पहले फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया। सेना में फील्ड मार्शल का पद उसे दिया जाता है जो कभी सेना से रिटायर नहीं होता।