History, asked by mukeshpurohitmukeshp, 6 months ago

अथ तने व्याघेन तऩडुऱकणान्विकीयय जाऱं विस्तीणमय ्। स च िऺृ स्य ऩरृठभामे प्रच्छन्नो

भत्ृिा अनतरठत्। तजस्मन्नेि काऱेचचत्रग्रीि नाम कऩनतराज: ऩररिररण सह गगने व्यसऩतय ्। भमौ

विकीणायन्तण्डुऱकणान्दृरटिा कऩोत । ऱब्ुधा अभिन्। तत: स कऩोतराज: तण्डुऱकणऱब्ुधान्

कऩोतान्अकथयत्कुतोडवऩ ननजनय िने तण्डुऱकऱाना सम्भि: ? तन्नरुप्यताम ्ताित्। भद्रलमदं न

ऩश्यालस । अनेन तण्डुऱकऱोभने अस्माकं महदननरटमवऩ भितुमहयनत अत: सियधा अविचाररत कमय

न कतव्य यम ्।

1) व्याघेन ककम ्कृतम? ्

2) तजस्मन्नेि काऱे क: गगने व्यसऩतय ? ्

3) कऩोतराज: की देशभ्यकऩोतेभ्य: अकथयत?्

4) सिथय ा कक योनयं कमय इनत कऩोतेराजेन कचथतम?​

Answers

Answered by viveksuk023
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Answer:

जर्मन विद्वान (१७८३-१८५०) ने मैकलेनबर्ग में फार्म मैनेजर के पद पर पर कार्य करते हुए अपने अनुभव के आधार पर 1826 में कृषि भूमि उपयोग के लिए अवस्थिति सिद्धान्त का पतिपादन किया जो तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त पर आधारित हैं। उनका यह सिद्धान्त निश्चयवादी तथा मानकीय है।

वॉन थ्युनेन ने यह प्रेक्षण किया कि प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाली भूमियों पर भिन्न प्रकार के भूमि उपयोग होते हैं। बाजार से निकटतम वलय में शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं का विशेषीकरण मिलता है, जिनका माँग अधिक होता है तथा जिनका परिवहन व्यय महंगा है। इस वलय क बाहर की ओर कम नष्ट होने वाली, कम परिवहन लागत वाली तथा कम बाजार मूल्य वाली वस्तुओं के वलय विकसित होते हैं।

Explanation:

জার্মান পণ্ডিত (143–1450), ম্যাকলেনবার্গে ফার্ম ম্যানেজার পদে কর্মরত, কৃষিজমি ব্যবহারের নীতির ভিত্তিতে 1826 সালে তার অভিজ্ঞতার ভিত্তিতে ভিত্তি করে যা তুলনামূলক সুবিধার নীতির ভিত্তিতে তৈরি। তাঁর এই তত্ত্বটি হতাশাবোধবাদী এবং আদর্শিক।

ভন থেন লক্ষ করেছেন যে প্রত্যক্ষ দৃশ্যমান জমিতে বিভিন্ন ধরণের জমি ব্যবহার রয়েছে। শীঘ্রই ধ্বংস হওয়া আইটেমগুলির বিশেষত্ব বাজার থেকে নিকটতম রিংয়ে পাওয়া যায়, যার চাহিদা বেশি এবং যার পরিবহন ব্যয় ব্যয়বহুল। এই রিংয়ের বাইরে কম नाशযোগ্য, স্বল্প পরিবহন ব্যয় এবং কম বাজার মূল্যের রিংগুলি বিকাশ করা হয়।

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