Hindi, asked by akshaymawana2004, 4 months ago

) अदरगढखंड के तीसरे बाग वानखेड़े काई को मुगमा लेथक आढो कहते हैं। (लच्छेदार) ५

“भानुष्म के गुण, जो लिर शोमा के गुण हैं, एक ही हैं, आप इसे चार्यत्रम कहेंगे। चरणतलम से भानल लवकलताधी और

तेजली मजेदार है। यह कहना बंद कर दें कि saying ज्ञान प्रेम के समान है, लेकिन व्यक्ति जो कहता है कि the चरित्रम प्रेम के समान है ’का अर्थ क्या है।

चर्यात्रम वल का ज्ञानजन्म लक्ष्मण ही नहीं है। यह मामला नहीं है। इसे वात्स्याकी में विभाजित करें और

उधेखनी नजये जोले। तभे जीलनभा वपौ थलु शोम, फिजाएँ प्रबलात कयला शोम, अधमावतभक भावे प्रगावत कयलनि

यदि आप चाहते हैं, तो आपको वानस्कर्ण चारीतराम मिलना चाहिए। लांबाचामाथ का नाभा, फूढा, इवु और एला प्राचीन ओवधो

आज कर्ज बढ़ता जा रहा है। वे धोती चारित्रम के रूप में एक ही हैं

प्रभावलत कैय तेभाना ह्रदयम अयलयलथन कयली लकमा। चारित्रम जीलन का स्तंभ है। ”​

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Answered by rajkumarbansi4
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Answer:

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