History, asked by an5895422, 4 months ago

अथवा
1857 के विद्रोह में अवध के तालुकदारों की सहभागिता की जांच कीजिये
खण्ड-घ​

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Answered by lailaalif2002
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अवध क्रांतिकारियों का एक प्रमुख केंद्र था. अवध की क्रांति का सञ्चालन बेगम हजरतमहल ने किया. नवाब वाजिदअली शाह को अपदस्थ किए जाने के उपरान्त बेगम ने बिरजिस कदर नामक अवयस्क पुत्र को नवाब घोषित कर दिया और प्रशासन अपने हाथ में ले लिया. बेगम को अवध के जमींदारों, किसानों, सिपाहियों आदि सभी का सहयोग प्राप्त हुआ. उनकी सहायता से बेगम हजरतमहल ने अंग्रेजों को अनेक स्थानों पर हराया और अंततः अंग्रेजों को लखनऊ की रेजीडेंसी में शरण लेने के लिए बाध्य कर दिया. अनेक कठिनाइयों के बाद ही अंग्रेज़ पुनः लखनऊ पर अधिकार करने और अवध में विद्रोह को शांत करने में सफल हो पाए.

फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्ला ने भी 1857 के विद्रोह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी. वह मूल रूप से मद्रास के रहने वाले थे. मद्रास में भी उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह की योजना बनायी थी. वे जनवरी, 1857 को फैजाबाद आये. अंग्रेज़ सरकार पहले से उनके आगमन से सतर्क थी. कंपनी ने उनको पकड़ने के लिए सेना भेजी. मौलवी ने डटकर मुकाबला किया. अवध क्रांति में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और एक प्रमुख नेता बन कर उभरे. जब अंग्रेजों ने लखनऊ पर कब्ज़ा किया तो मौलवी अहमदुल्ला रोहिलखंड का नेतृत्व करने लगे. यहीं पुवैन के राजा ने मौलवी की हत्या कर दी.

क्रांतिकारियों ने मुग़ल बादशाह बहादुरशाह के नेतृत्व में क्रांति का संचालन किया.

रानी लक्ष्मीबाई भी 1857 के विद्रोह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी.

कानपुर में विद्रोह का संचालन नाना साहब की नेतृत्व में हुआ.

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