Hindi, asked by kashishshinde96899, 1 month ago

अथवा
अशोक/आशा मगदुम, लक्ष्मीनगर, नागपुर से व्यवस्थापक, कौस्तुभ पुस्तद
भंडार, सदर बाजार, नागपुर को प्राप्त पुस्तकों संबंधी शिकायत करते हु
पत्र लिखता/लिखती है।अशोक आशा मखदूम लक्ष्मीनगर नागपुर से व्यवस्थापक पुस्तक पुस्तक भंडार सदर बाजार नागपुर को प्राप्त पुस्तको संबंधी शिकायत करते हुए पत्र लिखती हूं ​

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Answered by shishir303
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             पुस्तक संबंधी शिकायत हेतु व्यवस्थापक को पत्र

                                                                                 दिनाँक: 27 फरवरी 2021

प्रेषक : आशा मगदुम,

लक्ष्मीनगर,

नागपुर

सेवा में,

व्यवस्थापक,

कौस्तुभ पुस्तक भंडार,

सदर बाजार,

नागपुर

                            विषय : पुस्तक की गुणवत्ता संबंधी शिकायत

महोदय,

          मुझे गत 25 जनवरी को कुछ पुस्तकें प्राप्त हुईं, जिन्हे मैने पुस्तक भंडार से मंगाया था। मुझे जो पुस्तकें प्राप्त हुईं, उनकी हालत ठीक नहीं है। तीनों पुस्तकों में एक पुस्तक में बहुत से पन्ने गायब थे। एक पुस्तक का मुखपृष्ठ फटा हुआ था। इसके अतिरिक्त मैंने जो 3 पुस्तकें भेजी थीं, तीनों पुस्तकों में से एक पुस्तक वह नहीं है, जिसका मैंने आर्डर दिया था, उसकी जगह उससे मिलते जुलते नाम की दूसरी पुस्तक भेज दी गई। इन सब कारणों से मुझे बेहद निराशा हो रही है, मैं आपको इस पत्र के साथ तीनों पुस्तकें वापस भेज रही हूँ। और पुस्तकों के सही नाम ना लिख कर भेज रही हूँ। आप मुझे सही पुस्तके पुनः भेजने की कृपा करें। आपकी अच्छी सेवा के कारण ही हम आपसे नियमित पुस्तके मंगाते हैं। आशा है, आप इस बात पर अवश्य ध्यान देंगे कि दुबारा ऐसी शिकायत का मौका न आये।

धन्यवाद,

भवदीय,

आशा मगदुम,

लक्ष्मीनगर,

नागपुर

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अरुण | अरुणा पाटील, माधव बाग, डोंबिवली से माननीय व्यवस्थापक, आदर्श स्पोर्टस, नेहरू चौक, कल्याण को हॉकी खेल की सामग्री मँगाते हुए पत्र लिखता / लिखती है।  

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Answered by omchaudharis
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Answer:

कृतज्ञता एक महान गुण है। ... जो दिया है, हम उसके ऋणी हैं, इसकी अभिव्यक्ति ही कृतज्ञता है और अवसर आने पर उसे समुचित रूप से लौटा देना, इस गुण का मूलमंत्र है। इसी एक गुण के बल पर समाज और इंसान में एक सहज संबंध विकसित हो सकता है, भावना और संवेदना का जीवंत वातावरण निर्मित हो सकता है। कृतज्ञता एक पावन यज्ञ है।

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