Hindi, asked by sonuyadavsonuyadav37, 3 days ago

अथवा
भवानी प्रसाद मिश्र की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं के आधार पर लिखिए-
(1) दो रचनाएँ
(2) भाव पक्ष
(3) कला पक्ष
(4) साहित्य में स्थान​

Answers

Answered by knpshivakantmishra
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कविता है। उनकी कविता मज़दूरों-किसानों और श्रमशील जनता की कविता है। पर उनमें नारेबाजी नहीं है। उनकी कविताएं व्यापक मानव-मूल्यों की कविताएं हैं, जिनमें सत्ता के विरोध का स्वर भी प्रबल है। सन् 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो भवानी प्रसाद मिश्र ने रचनात्मकता के धरातल पर इसका जोरदार विरोध किया।

सन् 1972 में ‘बुनी हुई रस्सी’ के लिए भवानी प्रसाद मिश्र को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। पद्मश्री के साथ 1981-82 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का पुरस्कार भी उन्हें मिला। 1983  में उन्हें मध्य प्रदेश शासन का शिखर सम्मान मिला। भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के टिगरिया गाँव में 29 मार्च, 1913 को हुआ था। इनकी प्रमुख काव्य-कृतियां हैं - गीतफ़रोश, चकित है दुख, अंधेरी कविताएं, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, त्रिकाल संध्या, इदम् नमम्, शरीर, कविता, फसलें और फूल, कालजयी आदि। इसके अलावा बाल साहित्य की 20 पुस्तकों की रचना की। संस्मरण और निबंधों के अलावा उन्होंने संपूर्ण गांधी वांङ्मय, कल्पना (साहित्यिक पत्रिका), विचार (साप्ताहिक) के साथ कुछ पुस्तकों का भी संपादन किया। भवानी प्रसाद मिश्र का निधन 20 फरवरी, 1985 को हुआ

Answered by pn2713586
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Bhawani Prasad mishr ka kavyagat visheshta tippani
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