Science, asked by aryanchoudhery016, 4 months ago

अथवा
गोदोहन से लेकर रातस्य-यज्ञ में पुरोहितों के चरण धोने तक तथा सुदामा की मैत्री से लेकर युद्ध भूमि में
गीता के उपदेश तक उनकी ऊँचाई का एक पैमाना है, जिस पर सूर्य की किरणों की रंग-बिरंगी पेटी की
तरह हमें आत्मिक विकास के हर एक स्वरूप दर्शन होता है।​

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Answered by rv08425
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गोदान से लेकर आते से यज्ञ में पुरोहितों की चरण धोने तक तथा सुदामा की मित्र लेकर युद्ध भूमि में

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