Hindi, asked by rakhisharma6264, 1 month ago

अथवा
कबीर की वाणी को किन तीन परिपाटियों में संकलित किया गया है ? likhiye​

Answers

Answered by samfernando342
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Explanation:

बीजक

संत कवि कबीर के काव्य के बारे में माना जाता है कि उनका काव्य श्रुत परम्परा का काव्य है। बार-बार उन्होंने इस बात को दोहराया है, ‘ कहत कबीर सुनो भाई साधो…’।

कबीर साहब दोहा, चोपाई, सोरठा और गेय पदों के रूप में अपनी सच्ची बात कहते गये और उनके शिष्य सुनते रहे, गुनते रहे और लिखते रहे । कबीर ने स्वयं नहीं लिखा, यह बात उनकी इस उक्ति के आधार पर सत्य मानी जाती है- “मसि कागद छुओ नहीं, कलम गही नहिं हाथ ।”

कबीर की रचनाओं का प्रामाणिक संग्रह है- बीजक । बीजक में कबीर के शिष्यों द्वारा लिपिवद्ध की गयी रचनाओं का संग्रह है ।

रीवा नरेश विश्वनाथ सिंह जू देव के सन् 1872 के टीका के साथ बीजक मुद्रित रूप में सामने आया । कबीर ने बीजक नाम देकर अपनी रचनाओं को इन ११ प्रकरणों में बाँटा -

१. रमैनी २.सबद ३.ज्ञान चौंतीसा, ४.विप्रमतीसी

५.कहरा ६.बसंत ७.चाचर ८.बेलि ९. बिरहुली

१०. हिण्डोला ११. साखी ।

२. कबीर ग्रन्थावली - संपादक -डाॅ. श्याम सुन्दर दास (नागरी प्रचारणी सभा)- इस ग्रन्थ में सन १९२८ में कबीर दास जी की रचनाओं का संग्रह कर प्रकाशन किया गया ।

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