Hindi, asked by gudiyamg13, 10 months ago

अथवा
कह न ठंडी साँस में अब भूल वह जलती कहानी,
आग हो उर में तभी दुग में सजेगा आज पानी;
हार भी तेरी बनेगी मानिनी जय की पताका,
राख क्षणिक पतंग की है अमर दीपक की निशानी!
है तुझे अंगार-शय्या पर मृदुल कलियाँ बिछाना।
जाग तुझको दूर जाना.​

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Answered by ck929931
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