Hindi, asked by rahulsinghbhuriya, 5 hours ago

अथवा न्याय और नीति सब लक्ष्मी के खिलौने हैं वह जैसे चाहे नचाती है। भाव लिखिए।

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Answered by shishir303
39

न्याय और नीति सब लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहे न चाहती है इस पंक्ति का भाव यह है कि इस संसार में धन के बल पर कोई भी असंभव कार्य संभव कराया जा सकता है। धन के बल पर न्यायालय के न्याय को भी अपने पक्ष में करवाया जा सकता है। धन के बल पर हर तरह की नैतिकता को कुचला जा सकता है अर्थात धन के बल पर इस संसार में सब कुछ किया जा सकता है।

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