Art, asked by nirajsikarwar143, 3 months ago

अथवा
“सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय तो नहीं रहता जैसे पहले
रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति, एक देश को दूसरे देश से, भय के स्थायी कारण
प्रतिष्टित हो गए है। सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही है,
एक क्षण का विराम नहीं है।"​

Answers

Answered by RajatPanwar706
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Explanation:

संस्कृति किसी समाज में गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्र स्वरूप का नाम है, जो उस समाज के सोचने, विचारने, कार्य करने के स्वरूप में अन्तर्निहित होता है।[1]यह ‘कृ’ (करना) धातु से बना है। इस धातु से तीन शब्द बनते हैं ‘प्रकृति’ की मूल स्थिति,यह संस्कृत हो जाता है और जब यह बिगड़ जाता है तो ‘विकृत’ हो जाता है। अंग्रेजी में संस्कृति के लिये 'कल्चर' शब्द प्रयोग किया जाता है जो लैटिन भाषा के ‘कल्ट या कल्टस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है जोतना, विकसित करना या परिष्कृत करना और पूजा करना। संक्षेप में, किसी वस्तु को यहाँ तक संस्कारित और परिष्कृत करना कि इसका अंतिम उत्पाद हमारी प्रशंसा और सम्मान प्राप्त कर सके। यह ठीक उसी तरह है जैसे संस्कृत भाषा का शब्द ‘संस्कृति’।

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