Hindi, asked by ramsawle57, 1 month ago

अथवा
शेखर जोशी की साहित्यिक विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं के आधार प
(1) दो रचनाएँ
भाषा शैली
(2)
(3) साहित्य में स्थान​

Answers

Answered by janidivya000
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1) दो रचनाएं_ 1) नौरंगी बीमार है 2) बदबू

2) भाषा शैली_ कोमल भावनाओं को सजीव शब्दों में प्रकट करना जोशी जी की भाषा की प्रमुख विशेषता है निहायत सहज एवं आडंबरहीन भाषा में वह सामाजिक यथार्थ के बारिक नूक्तो तो को पकड़ते हैं की परतें और प्रस्तुत करते हैं उनकी भाषा में व्यवहारिक तत्सम शब्दों का प्रयोग दिखाई देता है उनकी भाषा में उर्दू शब्दों का बहुमूल्य है तो आंचलिक एक शब्द भी देखने को मिलते हैं मुहावरेदार भाषा का भी प्रयोग करते हैं।

शैली_ जोशी जी की विवरणात्मक शैली _ अपनी रचनाओं की विषय वस्तु को स्पष्ट करने तथा वातावरण को प्रभावशाली बनाने के लिए विवरणात्मक शैली का सहारा लिया है।

मुहावरेदार शैली_ कथा साहित्य में पात्रों के चरित्र की विशेषताएं बताने के लिए बलि का बकरा सांप सूघ गया जैसे मुहावरों का सफल प्रयोग हुआ है।

भावात्मक शैली_ कहानियों में पात्र तथा वातावरण घटनाओं तथा अभिव्यक्ति में जोशी जी स्वयं भावुक हो उठते हैं अतः उसे भावता को लेकर कथा साहित्य खड़ा किया है।

विभिन्न भाषाओं के शब्दों से युक्त शैली_उर्दू संस्कृत के शब्द चयन से भाषा को अर्थ ग्रहण तथा प्रभावशाली बनाया गया है।

3) साहित्य में स्थान_ शेखर जी कहानियां विभिन्न भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी बोली और रूसी में भी अनुदित हो चुकी है इन की प्रसिद्ध कहानियां दादू पर बाल फिल्म सोसाइटी द्वारा बाल फिल्म का निर्माण जोशी जी के स्थान को ऊंचा कर देता है नई कहानी आंदोलन में जोशी जी का स्थान अन्यतम है।

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