अथवा दक्षिणी मेसोपोटामिया में नगरों का
उदय के लिए अनुकूल परिस्थितियों का
वर्णन कीजिए।
Answers
Answer:
दक्षिणी मेसोपोटामिया में नगरों का उदय के लिए अनुकूल परिस्थितियों
Explanation:
मेसोपोटामिया मूल रूप से दो शब्दो से मिलकर बना है-मेसो+पोटामिया,मेसो Uका अर्थ मध्य (बीच) और पोटामिया का अर्थ नदी है अर्थात दो नदियोँ के बीच के क्षेत्र को मेसोपोटामिया कहा जाता था। पश्चिमी एशिया में फारस की खाड़ी के उत्तर में स्थित वर्तमान इराक को प्राचीन समय में मेसोपोटामिया कहा जाता था मेसोपोटामिया की सभ्यता दजला और फरात दो नदियोँ के मध्य क्षेत्र में जन्म पली और विकसित हुई। इन नदियोँ के मुहाने पर सुमेरिय बीच में बेबीलोनिया तथा उत्तर में असीरिया सभ्यता का विकास हुआ इन सभ्यताओ के विषय में यह कहावत प्रचालित है सुमेरिया ने सभ्यता को जन्म दिया बेबीलोनिया ने उसे उत्पत्ति के चरम शिखर तक पहुँचाया और असीरिया ने उसे आत्मसात किया दुसरे शब्दो में सुमेरिया, बेबीलोनिया और असीरिया इन तीनो सभ्यताओ के सम्मिलन से जो सभ्यता विकसित हुई उसे मेसोपोटामिया की सभ्यता कहा गया। मेसोपोटामिया में चार प्रसिद्ध सभ्यताएं हुईं हैं -सुमेरिया, बेबीलोन, असीरिया, कैल्ड्रिया।[1] दो नदियों दजला और फरात के बीच की धरती पर इंसानी सभ्यता के पहले शहर बसे. ईसा पूर्व चौथी सदी से करीब 3,000 सालों तक मेसोपोटामिया की सभ्यता के सबूत मिलते हैं. ईसा पूर्व पहली सदी आते आते वहां बेबीलोन और निनवे जैसे कई शहर बस चुके थे.
पहला साम्राज्य:- आज जहां इराक और सीरिया जैसे देश स्थित हैं उसी धरती पर कभी मेसोपोटामिया सभ्यता हुआ करती थी. वह प्राचीन सभ्यता उत्तरी असीरिया और दक्षिणी बेबीलोनिया में विभाजित थी. फिर इसे निचले स्तर पर भी कई प्रांतों में बांटा गया था. ईसा पूर्व तीसरी सदी से इन छोटे इलाकों को मिलाकर एक साम्राज्य के रूप में साथ लाया गया.
कृषि करने वाले पहले लोग:-औरत ने ही खेती करने,घर बनाने की शुरूआत की गई । संग्रहकर्ता से शिकारी और फिर किसान और पशुपालक बनने तक का सफर ऐतिहासिक है. इस सभ्यता में इंसान के खेती करने और पशुओं को पालने के पहले साक्ष्य मिलते हैं. उस समय सिंचाई के लिए व्यवस्था भी विकसित की गई और पशुओं के दूध से कई तरह के उत्पाद भी बनने शुरू हुए. दिव्य पदानुक्रम:- इस सभ्यता के लोग आस्तिक थे और कई सारे देवताओं को मानते थे. देवों की भी श्रेणियां थीं. सबसे बड़े देवता को उससे छोटे देवता पूजते थे. इस श्रेणी में सबसे अंत में आता था मानव. जिसे सबको पूजना होता और सबकी आज्ञा का पालन करना होता था. जीवन और धर्म गहराई से जुड़े थे. अंत:- सिकंदर महान ने 331 ईसा पूर्व में मेसोपोटामिया की सभ्यता को नष्ट कर दिया और वहां ग्रीक संस्कृति का प्रचार प्रसार किया. इसी के साथ मेसोपोटामियाई परंपराएं और जीवन दर्शन खो गया. फिर उसे हजार साल बाद फिर से खोद कर निकाला गया और अब इसे लुव्रे म्युजियम में सहेजकर रखा गया है. (लिया अलब्रेष्ट/आरपी)
सुमेरिया की सभ्यता
18 वी शताब्दी तक संसार इस महान मानव सभ्यता के ज्ञान से बहुत दूर था 19 वी शताब्दी के प्रारभ्भ में इंग्लैण्ड व फ्रांस के पुराविदो ने इस सभ्यता को खोज निकाले में सफलता प्राप्त की 1850 ईस्वी में अंग्रेजी पुराविद् रालिन्सन ने बिहिस्तून के पास एक उँचे टीले पर ईरानी शासक डेरियस द्वारा उत्कीर्ण कराया गया एक शिलालेख खोज निकाला इस सिलालेख पर फारसी और बेबीलोनियन भाषा का मिश्रण अंकित था और अधिक प्रयास के बाद रालिन्सन ने इसे पढ़ने में सफलता अर्जित की और परिणामस्वरुप मेसोपोटामिया सभ्यता का आवरण खुल गया।
शिलालेख
काले पत्थर से एक दूसरा शिलालेख सन् 1901 में सूसा प्राप्त हुआ इस शिलापट्ट पर बेबीलोनिया की भाषा में एक कानूनी संहिता लिपिबध्द थी। 19 वी सदी 1ए आरभ्भ मेंही सर लियोनार्ड वूली ने ईरान के अति प्राचीन नगर उर के उत्खनन द्वारा कतिपय महत्वपूर्ण अवशेष प्राप्त किये इस नगर की खुदाई में मिट्टी की तख्तियाँ इमारतो के खण्डहर, विभिन्न कलात्मक वस्तुएँ तथा शासकों की समाधिया आदि प्राप्त हुई उत्खनन में प्राप्त विभिनन वस्तुओ व शिलालेखो को पढ़ने के फलस्वरुप मेसोपोटामिया की महान सभ्यता मानव प्रकाश में आयी।
सभ्यता के मूल निवासी
सुमेरियन सभ्यता के जनक कौन थे यह प्रशन अद्यतन विवादगस्त है इस सभ्यता के मूल निवासियो के सम्बन्ध में सुपुष्ट प्रमाणो का अभाव है अत विध्दानो में मतवैभिन्य बना हुआ है कुछ विध्दानो का मत है कि सुमेरिया के मूल निवासी मंगोल अथव द्रविड़ रहें होंगे तो कुछ विध्दानो मत है कि सुमेरियान सभ्यता में आर्य और द्रविड़ सभ्यताओ के तत्वो का समावेश है कुछ इतिहासकारो के अनुसार भूमध्य सागरीय लोग सुमेरिया सभ्यता के जनक थे। लेकिन डा. कीथ का मत है कि सन्धु और सुमेरियन दोनो सभ्यताओ में पर्याप्त सामनता प्रतीत होती है।