अधिकार छोड़ देने के बाद अधिकारी लिप्सा बार-बार सताती है इस कथन का संदर्भ में बिंबिसार का चरित्र चरित्र कीजिए
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अधिकार छोड़ने के बाद
अधिकारी लिप्सा बार बार
सताती है, इस कथन के संदर्भ में बिम्बिसार का चरित्र चित्रण निम्न प्रकार से किया गया है।
-बिम्बिसार पंद्रह वर्ष की आयु में मगध के राजा बने।
उन्होंने 58 वर्षों तक मगध पर राज किया, उनकी
राजधानी राजगीर थी।
- बिम्बिसार गौतम बुद्ध के सबसे बड़े प्रश्रय दाता थे।
उन्होंने एक बार गौतम बुद्ध को राजगीर आमंत्रित
किया तथा सोने के कलश में पानी भरकर उनके पैर धोए, बुद्ध को इतना प्रश्रय देते देख उनके पुत्र अजातशत्रु को अपने पिता से ईर्ष्या होने लगी।
-अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या का षडयंत्र रचा,
जिसका पता चलने पर राजा बिम्बिसार ने स्वयं ही राजगद्दी छोड़ दी व अजात शत्रु को राजा बना दिया परन्तु अजातशत्रु को यह डर बना रहा कि उसका राज पाठ कभी भी छीना जा सकता है, इसलिए उसने अपने पिता बिम्बिसार को बंदी बना दिया व उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी , उन्हें भूखा रखा ।
-अतः बिम्बिसार की मृत्यु कारागार में ही हो गई।
इसलिए लेखक कहते है कि अधिकार छोड़ने पर अधिकारी लिप्सा बार बार सताती है।