अधिकार छोड़ने के बाद अधिकार लिप्सा बार बार सताती है। इस कथन के संदर्भ मे बिम्बिसार का चरित्र चित्रण कीजिए ।
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उन्होंने अंग राज्य को जीतकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
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बिम्बिसार
उत्तरवर्ती अजातशत्रु
कुलीनवर्ग हर्यक
जन्म 558 BC
निधन 491 BC
अधिकार छोड़ने के बाद अधिकार लिप्सा बार बार सताती है। इस कथन के संदर्भ में बिम्बिसार का चरित्र चित्रण निम्न प्रकार से किया गया है।
- बिम्बिसार पंद्रह वर्ष की आयु में मगध के राजा बने। उन्होंने 58 वर्षों तक मगध पर राज किया, उनकी राजधानी राजगीर थी।
- बिम्बिसार गौतम बुद्ध के सबसे बड़े प्रश्रय दाता थे। उन्होंने एक बार गौतम बुद्ध को राजगीर आमंत्रित किया तथा सोने के कलश से उनके पैर धोए, बुद्ध को इतना प्रश्रय देते देख उनके पुत्र अजातशत्रु को अपने पिता से ईर्ष्या होने लगी ।
- अजातशत्रु ने अपने पिता की हत्या का षडयंत्र रचा , जिसका पता चलने पर राजा बिम्बिसार ने स्वे ही राज गद्दी छोड़ दी व अजात शत्रु को रहा बना दिया परन्तु अजाट शत्रु को यह डर बना रहा कि उसका राज पाठ कभी भी छीना जा सकता है, इसलिए उसने पूरा बिम्बिसार को बंदी बना दिया व उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी , उन्हें भूखा रखा अतः बिम्बिसार की मृत्यु कारागार में ही हो गई।
इसलिए लेखक कहते है कि अधिकार छोड़ने पर अधिकार लिप्सा बात बार सताती है।