अधिक वुक्ष काटने के कारण पेड़ और पक्षी के बीच संवाद लिखिए
Answers
Answered by
2
Answer:
भारत समेत संपूर्ण विश्व की जैव विविधता जिस तेजी से घट रही है, वह दुखद तो है, लेकिन आश्चर्यजनक कतई नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए मनुष्य द्वारा किए गए प्राकृतिक दोहन का नतीजा यह है कि बीते चालीस वर्षों में पशु-पक्षियों की संख्या घटकर एक तिहाई रह गई है। पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियां तो विलुप्ति के कगार पर हैं। फिर भी हम अपनी जीवन-शैली बदलने के लिए तैयार नहीं हैं।
Answered by
0
जब रुधिर केशिकाओं से होकर बहता है तब उसका द्रव भाग कुछ भौतिक, रासायनिक या शारीरिक प्रतिक्रियाओं के कारण केशिकाओं की पतली दीवारों से छनकर बाहर जाता है। बाहर निकला हुआ यही रुधिर रस लसीका कहलाता है। यह वस्तुत: रुधिर ही है, जिसमें केवल रुधिरकणों का अभाव रहता है। लसीका का शरीरस्थ अधिष्ठान लसीकातंत्र कहलाता है।
Similar questions