अधिकरण कारक किस का बोध कराता है?
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अधिकरण कारक संपादित करें
जिस शब्द से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे – पानी में मछली रहती है। इस वाक्य में ‘पानी में’ अधिकरण है, क्योंकि यह मछली के आधार पानी का बोध करा रहा है।
शब्द के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है उसे अधिकरण कहते हैं। इसके हिन्दी पर्याय ‘में’, ‘पर’ हैं। जैसे- 1.भँवरा फूलों पर मँडरा रहा है। 2.कमरे में टी.वी. रखा है। इन दोनों वाक्यों में ‘फूलों पर’ और ‘कमरे में’ अधिकरण है।
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कारक की परिभाषा (Karak ki paribhasha) :-
वाक्य में प्रयोग होने वाले किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द का क्रिया से साथ सम्बन्ध को कारक (Karak) कहते हैं
परिभाषा, संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से उनका सम्बन्ध क्रिया के साथ जाना जाता हैं, उसकों कारक कहते हैं.
अथवा
कारक वह व्याकरणिक कोटि हैं जो वाक्य में आए संज्ञा आदि शब्दों का क्रिया के साथ सम्बन्ध बताती हैं.
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