अधिकतम अंक:80
1.अपठित बोध
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड-क
5
मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए कि मनुष्य बड़ा बुद्धिमा
और कल्पनाशील प्राणी है। अपने विचारों के बल पर ही वह जो चाहे कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है। पर
विचार सच्चे-सादे और पवित्र होने के साथ-साथ मनुष्य के व्यावहारिक जीवन से संबंध रखने वाले होने चाहिए। इन
बातों को आधार बनाकर सादा जीवन उच्च विचार को मानव जीवन की सफलता की सीढी माना गया है। सादगी मनुष्य
के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव-आव, विचार तथा जीवन के ढंग से टपकनी चाहिए। यह सादगी ही है, जो
विचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उन्नति और विकास का कारण बनती है। संसार का इतिहास इस बात का
गवाह है कि आरंभ से ही सादगी पसंद व्यक्ति ही जनता को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास के रास्ते को प्रशस्त
करते आ रहे हैं। महात्मा बुद्ध, संत कबीर, गुरु नानक, महात्मा गांधी डॉक्टर राधाकृष्णन विनोबा भावे आदि इस तथ्य
के प्रत्यक्ष प्रमाण है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
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1.अपठित बोध
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड-क
5
मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए कि मनुष्य बड़ा बुद्धिमा
और कल्पनाशील प्राणी है। अपने विचारों के बल पर ही वह जो चाहे कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है। पर
विचार सच्चे-सादे और पवित्र होने के साथ-साथ मनुष्य के व्यावहारिक जीवन से संबंध रखने वाले होने चाहिए। इन
बातों को आधार बनाकर सादा जीवन उच्च विचार को मानव जीवन की सफलता की सीढी माना गया है। सादगी मनुष्य
के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव-आव, विचार तथा जीवन के ढंग से टपकनी चाहिए। यह सादगी ही है, जो
विचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उन्नति और विकास का कारण बनती है। संसार का इतिहास इस बात का
गवाह है कि आरंभ से ही सादगी पसंद व्यक्ति ही जनता को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास के रास्ते को प्रशस्त
करते आ रहे हैं। महात्मा बुद्ध, संत कबीर, गुरु नानक, महात्मा गांधी डॉक्टर राधाकृष्णन विनोबा भावे आदि इस तथ्य
के प्रत्यक्ष प्रमाण है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।