अधोलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- मोकों कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में। ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में। ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में। खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में। कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।
क- काव्यांश में ‘मैं’ और ‘तेरे’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हैं? स्पष्ट करें।
ख- कबीर ने ईश्वर का निवास कहाँ बताया है? कौन और कैसे उसे प्राप्त कर सकता है?
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Explanation:
(क)
काव्यांश में मैं शब्द ईश्वर के लिए तथा तेरे शब्द मनुष्य के लिए प्रयुक्त हुए है ।
( ख)ईश्वर का निवास है मनुष्य के स्वाँस में बताया है ।अपने स्वाँस को महसूस कर पल भर में ढूंढ सकता है ।
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