India Languages, asked by davidjannu7373, 1 year ago

अधोलिखितानि पदानि भिन्न-भिन्नप्रत्ययान्तानि सन्ति। तानि पृथक् कृत्वा निर्दिष्टानां
प्रत्ययानामधः लिखत-
परिश्रम्य, उपार्जितवान्, दापयितुम्, प्रस्थितः, द्रष्टुम्, विहाय, पृष्टवान्, प्रविष्टः, आदाय, क्रोशितुम्,
नियुक्तः, नीतवान्, निर्णतुम्, आदिष्टवान्, समागत्य, मुदितः।
ल्यप् क्त क्तवतु तुमुन्


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Answered by nikitasingh79
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ल्यप् :  

परिश्रम्य, विहाय, आदाय, समागत्य

क्त :  

प्रस्थितः, प्रविष्टः, नियुक्तः, मुदितः

क्तवतु :  

उपार्जितवान्, पृष्टवान् , नीतवान्, आदिष्टवान्

 

तुमुन् :  

दापयितुम्, द्रष्टुम्,  क्रोशितुम्,  निर्णतुम्  

 

 

कुछ अतिरिक्त जानकारी :

•प्रत्यय : शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

• संस्कृत में इनका विभाजन पांच भागों में किया गया है।

तिड् प्रत्यय , सुप्  प्रत्यय , कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय , स्त्री प्रत्यय ।

•कृत् प्रत्यय : कृत् प्रत्यय केवल धातु से ही जोड़े जाते हैं। इन प्रत्ययों को जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे कृदन्त कहते हैं।

•कृदन्त प्रत्यय निम्न प्रकार के होते हैं :

क्त्वा  , तुमुन् , ल्यप् ।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

सन्धि/सन्धिविच्छेदं च कुरुत-

(क) पदातिरेव -

(ख) निशान्धकारे -

(ग) अभि + आगतम् -

(घ) भोजन + अन्ते -

(ङ) चौरोऽयम् -

(च) गृह + अभ्यन्तरे -

(छ) लीलयैव -

(ज) यदुक्तम् -..................

(झ) प्रबुद्धः + अतिथि: -..................

https://brainly.in/question/15083251

समासविग्रहं समस्तपदं वा लिखत-

(क) तुच्छजीवैः ........

(ख) वृक्षोपरि .......

(ग) पक्षिणां सम्राट् ......

(घ) स्थिता प्रज्ञा यस्य सः .......

(ङ) अपूर्वम् .........

(च) व्याघ्रचित्रका .........

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