अधोलिखितानि पदानि भिन्न-भिन्नप्रत्ययान्तानि सन्ति। तानि पृथक् कृत्वा निर्दिष्टानां
प्रत्ययानामधः लिखत-
परिश्रम्य, उपार्जितवान्, दापयितुम्, प्रस्थितः, द्रष्टुम्, विहाय, पृष्टवान्, प्रविष्टः, आदाय, क्रोशितुम्,
नियुक्तः, नीतवान्, निर्णतुम्, आदिष्टवान्, समागत्य, मुदितः।
ल्यप् क्त क्तवतु तुमुन्
Answers
ल्यप् :
परिश्रम्य, विहाय, आदाय, समागत्य
क्त :
प्रस्थितः, प्रविष्टः, नियुक्तः, मुदितः
क्तवतु :
उपार्जितवान्, पृष्टवान् , नीतवान्, आदिष्टवान्
तुमुन् :
दापयितुम्, द्रष्टुम्, क्रोशितुम्, निर्णतुम्
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
•प्रत्यय : शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।
• संस्कृत में इनका विभाजन पांच भागों में किया गया है।
तिड् प्रत्यय , सुप् प्रत्यय , कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय , स्त्री प्रत्यय ।
•कृत् प्रत्यय : कृत् प्रत्यय केवल धातु से ही जोड़े जाते हैं। इन प्रत्ययों को जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे कृदन्त कहते हैं।
•कृदन्त प्रत्यय निम्न प्रकार के होते हैं :
क्त्वा , तुमुन् , ल्यप् ।
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