अधोलिखित श्लोकों को याद करके अर्थ बोलिए ।
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(क) मस्त नस्ति ____________ किं
करिष्यति ॥
(ख) न चौरहार्यं ____________
सर्वधनप्रधानम् ॥
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Answers
Answer:
क) यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किं।
लोचनाभ्यां विहीनश्च, दर्पणः किं करिष्यति || ...
Explanation:
क)जिसके पास अपनी स्वयं की बुद्धि नहीं है, अपना स्वयं विवेक नहीं है, उसकी कोई शास्त्र भी भला क्या मदद कर सकता है । ये ठीक उसी प्रकार है जैसे अंधे व्यक्ति के लिए दर्पण कुछ नहीं कर पायेगा । दर्पण अंध व्यक्ति के लिये निरूपयोगी है। उसी प्रकार विवेकहीन, अज्ञानी, बुद्धिहीन व्यक्तियों के लिए हर तरह का ज्ञान विज्ञानं शास्त्र भी पुर्णतः निरूपयोगी है।
answer:
ख) न चोराहार्यम् न च राजहार्यम्, न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि। व्यये कृते वर्धत एव नित्यं, विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्॥
explanation:
जिसे न चोर चुरा सकते हैं, न राजा हरण कर सकता है, न भाई बँटा सकते हैं, जो न भार स्वरुप ही है, जो नित्य खर्च करने पर भी बढ़ता है, ऐसा विद्या धन सभी धनों में प्रधान है।