India Languages, asked by nkashyap4905, 10 months ago

अधोलिखितस्य श्लोकद्वयस्य अन्वयं कुरुत-
प्रजानां विनयाधानाद्रक्षणाद्भरणादपि।
स पिता पितरस्तासां केवलं जन्महेतवः।।

स वेलावप्रवलयां परिखीकृतसागराम्।
अनन्यशासनामुर्वी शशासैकपुरीमिव।।

Answers

Answered by SamyaLaddha
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BHAI Y KONSI LANGUAGE H......

MENTION KRA KRO YRRR.....

Answered by coolthakursaini36
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क. रूप .......................... रेखा|

प्रजानां .................... जन्महेतव:|

अन्वय:-> प्रजानां विनयाधानात् रक्षणात् भरणात् अपि स: पिता “अभूत्” तासां पितर: ‘तु’ केवलं जन्महेतव: “अभूवन्”|

व्याख्या-> अपनी प्रजा को नम्रता, सदाचार को शिक्षा देने से, और उनकी आपत्तियों से रक्षा करने से, एवं अन्न जल की व्यवस्था करने से राजा दलीप ही वास्तव में प्रजा के पिता थे, पिता कहलाने वाले और सब तो केवल जन्म देकर नाममात्र के ही पिता थे|

ख. अन्वय:-> वेलावप्रवलयां परिखीकृतसागराम् अनन्यशासनाम् उर्वीम्, एकपुरीम्, इव, शशासे|

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