अधोलऱखिताना शब्दाना अर्थ दत्तभयाां विकल्ऩभयाां चित्या लऱखित।
१. विशायद - clever
/ Tired /Sweetness
२. सदऩभ - Proudly / Scolding / Copper
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अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित – महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
BHAJANS AND AARTI LYRICS
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Aigiri Nandini Meaning – Mahishasura Mardini Stotra Meaning
अयि गिरि-नन्दिनि नंदित-मेदिनि
विश्व-विनोदिनि नंदनुते
गिरिवर विंध्य शिरोधि-निवासिनि
विष्णु-विलासिनि जिष्णुनुते।
भगवति हे शितिकण्ठ-कुटुंबिनि
भूरि कुटुंबिनि भूरि कृते
जय जय हे महिषासुर-मर्दिनि
रम्य कपर्दिनि शैलसुते॥
अयि गिरिनन्दिनि – हे गिरिपुत्री,
नन्दितमेदिनि– पृथ्वी को आनंदित करने वाली,
विश्वविनोदिनि – संसार का मन मुदित रखने वाली,
नन्दिनुते – नंदी द्वारा नमस्कृत,
गिरिवरविन्ध्यशिरोsधिवासिनि – पर्वतप्रवर विंध्याचल के सबसे ऊंचे शिखर पर निवास करने वाली,
विष्णुविलासिनि – विष्णु को आनंद देने वाली,
जिष्णुनुते – इंद्रदेव द्वारा नमस्कृत
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि – नीलकंठ महादेव की गृहिणी,
भूरिकुटुम्बिनि – विशाल कुटुंब वाली,
भूरिकृते – विपुल मात्रा में निर्माण करने वाली देवी,
जय जय – तुम्हारी जय हो, जय हो।
हे महिषासुरमर्दिनि – हे महिषासुर का घात करने वाली,
रम्यकपर्दिनि शैलसुते – सुन्दर जटाधरी गिरिजा !