अधोवत्ता चिनम दृष्ट्वा पञ्चसंस्कृतजियेषु तम् वर्णवत । सहायतार्थ प्रजूधा प्रदत्ता अस्ति। (नीचे दिए गए मित्र को देखकर संस्कृत के पाँच वाक्यों में वर्णन करें। सहायता के लिए मंजूया दी गई कृषकाः, वर्षा, शुष्काः, वृक्षाः, निराशाः, शुष्का नदी, भोजनस्य, अभावः, अन्नस्य।
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