अध्यात्मज्ञाननित्यत्वं तत्त्वज्ञानार्थदर्शनम्
एतज्ज्ञानमिति प्रोक्तमज्ञानं यदतोऽन्यथा॥
(श्रीमद्भगवत गीता-13/11)
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