Hindi, asked by sumit7539, 10 months ago

अधजल गगरी छलकत जाय paragraph.​

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Answered by vikasverma36
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ज्ञानी कितनी गहरी बात कहते हैं। 'अधजल गगरी छलकत जाय' यह किसी ज्ञानी के कथन से ही प्रचलित हुई कहावत है। कितनी ठोस बात कही है कि घडा आधा भरा हुआ हो तो आवाज करता है, पानी छलक कर गिर जाता है और पूरा भरा हो तो बिल्कुल भी न आवाज करता है, न छलकता है। पूरे भरे घडे में गहनता आ जाती है। छिछलापन नहीं रहता। मतलब साफ है, छिछलापन आवाज करता है, गहराई में शांति होती है।

पहाडाें से, चट्टानों से गुजरती हुई नदी खूब आवाज करती है क्योंकि छिछली होती है, गहराई नहीं होती, कंकड-पत्थरों से टकराते हुए, रास्ता बनाते हुए चलती है, आवाज करते हुए चलती है। वही नदी जब मैदानी क्षेत्र में होती है, दूर-दूर तक समतल क्षेत्र होता है, पानी गहरा होता है तो नदी उदास मालूम पडती है, उसकी गति मंथर हो जाती है। आवाज नहीं होती। लहरों का पता नहीं चलता। लहरें उछल-कूद नहीं करतीं। नदी छिछली होती है तो शोरगुल करती है। शोरगुल हमेशा उथलेपन का सबूत है।


sumit7539: thanku
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