अधर को शय्या क्यों कहा गया है? सूरदास पद 2 कक्षा 11 हिंदी अंतरा
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सूरदास ने अपने पदों में श्रीकृष्ण के अधरों को शैय्या लिए कहा है, क्योंकि श्री कृष्ण के कोमल व नरम अधरों यानि होठों पर मुरली यानि बांसुरी हमेशा विराजमान रहती है। सूरदास कहते हैं कि श्रीकृष्ण हमेशा अपने होठों से बांसुरी लगाए रहते हैं, क्योंकि श्री कृष्ण के कोमल और नरम हैं और उनके इन होठों पर टिकी हुई बांसुरी ऐसी दिखाई देती है जैसे वह इन नाजुक होंठो रूपी शय्या पर शयन कर रही हो यानि सो रही हो। इसीलिए सूरदास ने अपने पदों में अधर को शैय्या कहा है, क्योंकि बाँसुरी श्री कृष्ण के अधर रूपी शैय्या पर बाँसुरी चयन करती है।
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