अधरो पर अलि मंडराते , केशो पर मुगध पपीहा में अलंकार क्या है
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Answer: sorry I didn't know that answers I am really sorry
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भ्रांतिमान अलंकार
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कभी कभी किसी वस्तु को देखकर उसमे अन्य कुछ सादृश्य के कारण उसे अन्य वस्तु समझ बैठते है। ऐसे भूल को भ्रान्ति कहते है। तथा इसमें भ्रांतिमान अलंकार होता है।
जब उपमेय में अपमान का आभास हो, तब उसमे भ्रम या भ्रांतिमान अलंकार होता है।
जैसे – अँधेरे में किसी ’रस्सी’ को देखकर उसे ’साँप’ समझ लेना भ्रांतिमान अलंकार है।
अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है कि आभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है-अलम + कार। जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है।
Hence, the final answer will be भ्रांतिमान अलंकार |
#SPJ2
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