India Languages, asked by sasibro6062, 8 months ago

atithi ki samipya ki bela ki tulna kis se v kyo ki gayi hai

Answers

Answered by Govindthapak
4

Answer:

मृत्यु एवं देवता

Explanation:

अतिथि हिंदू संस्कृति में अतिथि को देवता के समान माना गया है।

और कहां भी गया है," अतिथि देवो भव:"।

जिसका स्पष्ट शाब्दिक अर्थ होता है कि अतिथि देवता के समान होता है।

अतिथि को देवतुल्य शास्त्रों में भी कहा गया है, वेदों में भी कहा गया है ,एवं दैनिक जीवन में भी हम अतिथि को देवता के समान ही मानते हैं।

क्योंकि हम सब सनातन धर्म के उपासक हैं इसलिए जैसा कि सनातन धर्म के सभी उपनिषदों ,वेदो इत्यादि ने बताया गया है वैसा ही हम अनुसरण करते हैं।

इस धारणा के विपरीत कई व्यंग कारों एवं आधुनिक विचारधारा के लोगों ने अतिथि की तुलना मृत्यु से भी की है।

इस तुलना को करने के पीछे उनका मुख्य कारण अतिथि के आने की संभावना है।

जैसा कि अतिथि के नाम से ही स्पष्ट है अ+तिथि

अर्थात जिसके आने की कोई तिथि पहले से ज्ञात ना हो वही अतिथि होता है। इसी प्रकार मृत्यु के आने की भी किसी को कोई तिथि ज्ञात नहीं होती है। इसीलिए मृत्यु की तुलना अतिथि से की गई है।

Answered by shreyabisen18
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अर्थात जिसके आने की कोई तिथि पहले से ज्ञात ना हो वही अतिथि होता है। इसी प्रकार मृत्यु के आने की भी किसी को कोई तिथि ज्ञात नहीं होती है। इसीलिए मृत्यु की तुलना अतिथि से की गई है।

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