atma chintan vyakti ke liye jaruri hai ispar apne vichar kijiye plz give answer
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आत्म अवलोकन का अर्थ है अपने आप को देखना। अर्थात किसी कार्य को करने या होने के बाद उसके करने में हमारे द्वारा अपनाई गई क्रिया और विचार पद्धति का विश्लेषण। यानी, हमने किसी बात को कैसे सोचा और समझा व उसे किस प्रकार क्रियान्वित किया।
आत्म अवलोकन के द्वारा हमें अपनी गलतियों से सीखने और अच्छे किए गए कार्य को और बेहतर ढंग से करने का मौका मिलता है। महात्मा बुद्ध का कहना है कि व्यक्ति को जितना कोई बाहरी सिखा सकता है, उससे कहीं अधिक वह अपने स्वाध्याय एवं आत्म अवलोकन तथा आत्म चिंतन से सीख सकता है। इसलिए वह हमेशा कहते हैं, 'अप्पो दीपो भव' अर्थात अपने दीपक स्वयं बनो। यानी, अपने बुद्धि, चिंतन एवं आत्म अवलोकन से अपने जीवन को प्रकाशित करो। इस प्रकार प्राप्त किया हुआ ज्ञान कभी विस्मृत नहीं होता और हमेशा व्यक्ति को सही निर्णय लेने में मददगार होता है। क्योंकि यह गहन अनुभव चिंतन और आत्म अवलोकन पर आधारित है।
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