atyadhik vyayam karte samay Hamari Tango Mein Jis padarth ki sanchyan Ke Karan inthan Hoti Hai To Hai
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हर नए शोध में व्यायाम करने की वकालत की जाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए ऐसा करना जरूरी भी है लेकिन खुद को सुडौल बनाने का सपना आपकी सेहत पर भारी भी पड़ सकता है क्योंकि अधिक व्यायाम करने से शरीर के अंगों को कई प्रकार के नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं सही व्यायाम और उसके लिए निर्धारित समय के बारे में।
एक्सरसाइज करने का समय
शरीर की लंबाई के अनुसार वजन के सही मानक को बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स कहते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का बीएमआई १८.५-२५ तक होना चाहिए। इसी मानक के आधार पर विशेषज्ञ व्यक्तिके व्यायाम व इसे करने के समय को तय करते हैं।
हफ्ते में छह दिन करें व्यायाम
फिट रहने के लिए हफ्ते में 5-6 दिन कम से कम 30-45 मिनट की एक्सरसाइज काफी होती है। यह दो प्रकार की होती है- पहली, आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज जिसमें वॉकिंग, जॉगिंग, स्वीमिंग व साइक्लिंग आदि शामिल हैं जो सभी अंगों पर असर करती हैं। हृदय रोगियों, डायबिटीज व ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ये फायदेमंद है। दूसरी, आइसोटॉनिक एक्सरसाइज जिसमें वेट लिफ्टिंग आदि शामिल होती हैं। ये बॉडी को शेप देने व टोन बनाने में मदद करती हैं।
ज्यादा व्यायाम यानी रोगों को बुलावा
सामान्य से अधिक एक्सरसाइज करने से शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन और कैलोरी में कमी आने लगती है जिससे जोड़ों व मांसपेशियों पर दबाव पडऩे से इनकी कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होकर कमजोर हो जाती हैं। इससे बार-बार फ्रेक्चर या चोट लगने का खतरा रहता है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। अत्यधिक वर्कआउट से मांसपेशियों की कोशिकाओं में से मायोग्लोबिन (मांसपेशियों में पाया जाने वाला पदार्थ) निकलने लगता है जिससे किडनी फेल हो सकती है। अधिक व्यायाम दमे के रोगियों में अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है। एक्सरसाइज के अनुपात में यदि व्यक्तिसही खानपान नहीं ले तो गॉलब्लैडर में पथरी की आशंका बढ़ जाती है। कई मामलों में अधिक व्यायाम से महिलाओं में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है व माहवारी की अनियमितता भी होने लगती है। एनर्जी, प्रोटीन की कमी से कम उम्र में बाल झडऩे व सफेद होना और आभा में कमी, मांसपेशियों के घनत्व में कमी और रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने जैसी कई दिक्कतें आने लगती हैं।
बच्चे न करें वेट लिफ्टिंग
माता-पिता को चाहिए कि वे 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वेट लिफ्टिंग आदि न करने दें। इससे उनकी मांसपेशियों व हड्डियों के ऊत्तकों का विकास रुक जाता है परिणामस्वरूप उनकी ऊर्जा के स्तर में कमी आने लगती है। ऐसा करने पर बच्चों की लंबाई बढऩी भी रुक सकती है। इसलिए बच्चों को डांस, एरोबिक्स, खेलकूद और साइक्लिंग जैसी गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।
मरीज रखें खास ध्यान
हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और आर्थराइटिस के मरीजों को 40 साल की उम्र के बाद आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज के साथ-साथ विशेषज्ञ की सलाहानुसार योग और प्राणायाम करते रहना चाहिए। ये अभ्यास इन मरीजों के लिए प्रिवेंटिव केयर की तरह काम करते हैं जिससे इनके रोग बढ़ते नहीं।
योग करने की भी सीमाएं
किसी भी आसन को तीन से पांच बार और योग को एक से दो बार किया जा सकता है। अनुलोम-विलोम, कपालभाति व भस्त्रिका जैसे प्राणायाम में सांस को गहरा व अधिक देर तक न रोकें वर्ना चक्कर व उल्टी हो सकती है। शीर्षासन को अधिक देर करने से माइग्रेन व चक्कर आ सकता है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है, इसलिए सभी अभ्यास विशेषज्ञ की देखरेख में ही सीखेे या करें।